लिखो तो पैगाम कुछ ऐसा लिखो की,
कलम भी रोने को मजबूर हो जाये,
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की,
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये..
हम वो नही जो गमो मे छोड दे,
हम वो नही जो नाता तोड दे,
हम तो वो हम सफर है मेरे दोस्त,
अगर आपकी सासे रूक जाये तो अपनी सासे छोड दे..
दोस्त की दोस्ती है दावा मेरे हर ज़ख़्म के लिए,
दोस्त की ही तो ज़रूरत है जीने मरने के लिए,
दोस्त की खाती हर हार हमे मंज़ूर है,
दोस्त की दोस्ती ही तो बस मेरी जान है..
कलम भी रोने को मजबूर हो जाये,
हर लफ्ज में वो दर्द भर दो की,
पढने वाला प्यार करने पर मजबूर हो जाये..
हम वो नही जो गमो मे छोड दे,
हम वो नही जो नाता तोड दे,
हम तो वो हम सफर है मेरे दोस्त,
अगर आपकी सासे रूक जाये तो अपनी सासे छोड दे..
दोस्त की दोस्ती है दावा मेरे हर ज़ख़्म के लिए,
दोस्त की ही तो ज़रूरत है जीने मरने के लिए,
दोस्त की खाती हर हार हमे मंज़ूर है,
दोस्त की दोस्ती ही तो बस मेरी जान है..